कुरीतियों को समाप्त कर रही बीबीबीपी योजना: डा. सुमन
गोण्डा कन्या को बचाने के लिए माता-पिता की सोच बदलना ही पहली जरुरत है। उन्हें अपनी बेटियों के पोषण, शिक्षा, जीवन शैली, आदि की उपेक्षा रोकने की जरूरत है। उक्त बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुजेहना पर आयोजित कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अधीक्षक डा. सुमन मिश्रा कही। उन्होने कार्यक्रम का शुभारंभ केक काटकर किया तथा सीएचसी पर जन्म लेने वाली नवजात बच्चियों को कपड़ा व हिमालया बेबी किट वितरित किया गया। अधीक्षक डा. मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया जा रहा है। संरक्षण अधिकारी चन्द्रमोहन वर्मा ने कहा कि बच्चियां आने वाले कल की भविष्य हैं, इसलिए उन्हे भी उतना ही अधिकार मिलना चाहिए, जितना कि बेटे को। महिला कल्याण अधिकारी ज्योत्सना सिंह ने कहा कि अपने बच्चों को एक समान मानना चाहिये चाहे वो बेटी हो या बेटा। यह माता-पिता की लड़की के लिए सकारात्मक सोच ही है जो भारत में पूरे समाज को बदल सकती है। जिला समन्वयक राजकुमार आर्य ने कहा कि आज लड़कियां भी किसी से कमजोर नहीं है, वह भी हर क्षेत्र में अपना बढ़ चढ़कर योगदान दे रही हैं।
चाइल्ड लाइन के प्रभारी आशीष मिश्रा ने चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुश्किल में फसंे बच्चों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की जानकारी इस हेल्पलाइन पर दी जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी गयी तथा पम्पलेट वितरित किये गये।
इस दौरान बीपीएम विकास चन्द्र श्रीवास्तव, बीसीपीएम राकेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज राव, डीईओ अमरीश कुमार, अपराजिता संस्था के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर शुभम द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।