अंगना मा बाजे बधाइयां द्वारे सहनिया देखो जन्मे है कुँवर कन्हैया बहुत नीक लागे- कथा वाचक अवधेश शास्त्री।
बालपुर, गोण्डा। विकास खण्ड हलधरमऊ के बालपुर परसपुर रोड पर चल रही श्रीमद् भागवत पुराण महाकथा में मंगलवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनकर श्रद्धालुओं की आँखे छलक आयीं। कथा वाचक अवधेश शास्त्री ने कहा कि जब जब पृथ्वी पर पाप बढ़ जाता है तो किसी न किसी रूप में भगवान को अवतार लेना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि माता पिता का स्थान सबसे सर्वोपरि है। जो लोग माँ बाप का अपमान करते है वे जीवन मे कभी सफल नही होते हैं। राजा कंस अपने माता-पिता को कारागार में डालकर राजा बन गया। कंस के अत्याचार से मथुरा की जनता त्राहिमाम करने लगी। कंस ने अपनी बहन देवकी व बहनोई बासुदेव को जेल में बंद कर दिया और देवकी से जो भी सन्तान पैदा होती थी कंस उसे मार देता था। जब आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण स्वयं देवकी के गर्भ से पैदा हुए। श्रद्धालुओं ने भगवान के जन्म उत्सव पर सोहर व मंगलगीत गाकर मनाया। भगवान मुरली मनोहर की दिव्य झांकी निकली गयी। अंगना मा बाजे बधाइयां द्वारे सहनिया देखो जन्मे है कुँवर कन्हैया बहुत नीक लागे सोहर पर लोग झूम उठे। इस मौके पर धर्मपाल सिंह प्रधान,संगमलाल मोदनवाल,रामजी,उमाशंकर, जगराम,अनिल,कपिल सोनी, संजय यादव,शिवनरायन गुप्ता, बड़के मिस्त्री,सुशील गुप्ता सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।