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Wednesday, November 20, 2024
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जस्टिस रोहिणी आयोग ने राष्ट्रपति को सौपी रिपोर्ट, ओबीसी महासभा ने जताया ऐतराज।

प्रशांत कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट

लखनऊ, जस्टिस रोहिणी आयोग द्वारा राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपने पर महासभा ने ऐतराज जताया है। जातिगत-जनगणना हुये बिना रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट को एक राजनितिक शिगुफा बताया है.

महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण के लिये आयोग की सिफारिश करता है, लेकिन ओबीसी आरक्षण के लाखो बैकलॉग के पद भरने के लिए कोई कमेटी गठित करने की सिफारिश क्यों नहीं करता.

यूनिवर्सिटी मे ओबीसी वर्ग के मात्र 4.5% पद ही क्यों भरे गये है, शेष 22 प्रतिशत पद क्यों नहीं भरे गये है. जो कुलपति और विभागध्यक्ष इसके लिये दोषी है, उन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है?

डॉ पटेल ने आगे कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% आरक्षण दिया गया है, उसे प्रशासन पूरी तरह से लागू कर रहा जबकि ओबीसी आरक्षण के साथ खिलवाड़ हो रहा है. सरकारी नौकरियों के भर्ती विज्ञापन मे ews कोटे की सीटें ओबीसी वर्ग की सीटों की संख्या से ज्यादा कैसे हो जा रही है?
EWS आरक्षण को उसके कोटे से बढ़कर दिया जा रहा है वही यूनिवर्सिटी मे मात्र 5 % ओबीसी वर्ग के प्रोफ़ेसर का होना जाहिर कर रहा है कि संस्थान ओबीसी आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर रहे है. अगर पद नहीं भरे गये है तो किसका दोष है-सरकारी विभागों की मानसिकता का या तथाकथित कुछ जातियों का?

डॉ पटेल ने EWS आरक्षण के वर्गीकरण की मांग का समर्थन किया है लेकिन आंकड़ों के लिये जाति-जनगणना का होना जरूरी बताया. जाति-जनगणना हो जिससे पता चले कि किस जाति को सबसे ज्यादा फायदा मिला।
अभी हाल मे ही यूपी सरकार के डीजीपी रिटायर्ड सुलखान सिँह ने ews आरक्षण मे एक जाति के हावी होने की पीड़ा जाहिर की थी.

डॉ पटेल ने कहा कि महासभा रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन करेंगी, साथ ही जाति-जनगणना कराने को लेकर व्यापक जनसम्पर्क करेंगी.।
उक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर डॉ अनूप पटेल
राष्ट्रीय प्रवक्ता -ओबीसी महासभा ने दी।

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