दरोगा मनीष कुमार ने आरोपियों को दी क्लीनचिट,पुनर्विवेचना की उठी मांग।
कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत एक गांव निवासी मूकबधिर व्यक्ति को बहाने से तहसील ले जाकर उसके हिस्से की भूमि व भवन बैनामा कराने के मामले में डीएम व एसपी के निर्देश पर धारा 419, 420 का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें करीब डेढ़ वर्ष तक चली विवेचना में दरोगा ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया है।
प्रकरण कोतवाली कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम करुआ के मजरा पाण्डेय पुरवा से जुड़ा है। यहां के निवासी शेषकुमार पाण्डेय ने बताया कि उसने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को थाना दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमे कहा गया है कि उसका छोटा भाई विजय कुमार उर्फ बाउर जन्म से ही मूक बधिर है। उसकी पत्नी के साथ दो बच्चे भी हैं। वह बाहर रहकर मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहा था। जिसका फायदा उठाकर गांव के ही एक व्यक्ति ने उसकी पत्नी को भड़काकर शेष कुमार व उसके पुत्र के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया। उसके बाद उसे प्रताड़ित करते हुये बच्चों के साथ घर से भाग जाने के लिए विवश कर दिया। दिसम्बर 2020 में उसका मूक बधिर भाई विजय कुमार वापस घर आया। जिस पर उस व्यक्ति ने मूक बधिर विजय कुमार को शेष कुमार पांडेय के विरुद्ध भड़काकर अपने जाल में फंसा लिया और 19 जनवरी 20 को विजय कुमार को बहाने से तहसील ले जाकर उसके हिस्से की सम्पूर्ण भूमि व मकान आदि अपनी पत्नी के नाम बैनामा करवा लिया। बैनामा दस्तावेज में विजय कुमार के बैंक खाते में सम्पूर्ण रकम जमा करने की बात कही गई, लेकिन उसके खाते में एक भी रुपया जमा नही किया। जानकारी होने पर उसके खाते का स्टेटमेंट निकाला गया तो मूक बधिर विजय कुमार के बैंक खाते में मात्र 148 रुपये ही जमा थे। इस तरह बिना प्रतिफल अदा किये ही उसके मूक बधिर भाई की समस्त सम्पत्ति का बैनामा धोखे से करा लिया गया। प्रकरण का संज्ञान लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया। जिसकी संस्तुति तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने भी की थी। जिस पर 19 दिसम्बर 2021 को कोतवाली कर्नलगंज में धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ था। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक मनीष कुमार को सौंपी गई थी। करीब डेढ़ वर्ष तक चली विवेचना के दौरान पर्याप्त सुबूत के बाद भी विवेचक ने मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। जबकि बैनामे को ग़लत मानकर एसडीएम ने दाखिल खारिज आदेश को स्थगित कर दिया है। जिससे उसने पुलिस अधीक्षक से मिलकर पुनर्विवेचना कराने की मांग करने की बात कही है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि यदि बैनामा के समय एक्सपर्ट की रिपोर्ट नहीं लगी है तो वह जुर्म माना जाएगा। मामले में फाइनल कैसे लगाया गया इसकी जानकारी की जाएगी।