प्रकरण में अभी तक कादीपुर व करुआ दोनों ग्रामपंचायतों में नहीं हुई स्थलीय व अभिलेखीय जांच और ना ही भेजी गई रिपोर्ट।
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील क्षेत्र के नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के सीमा विस्तार के लिए ग्राम पंचायत कादीपुर तथा करुआ से ली गई गाटा संख्या व जनसंख्या के संबंध में भिन्न -भिन्न प्रारूप पर स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उच्चधिकारियों के समक्ष भिन्न -भिन्न भ्रामक आख्या प्रस्तुत कर ग्राम पंचायत कादीपुर व करुआ को अस्तित्व में होते हुये भी अस्तित्व विहीन करके दूसरे ग्राम पंचायत में जोड़ने की कार्रवाई शुरू किए जाने के संबंध में प्रभावित ग्रामों के प्रधान की शिकायत पर प्रकरण की जांच के लिए अधिकारियों की गठित की गई तीन सदस्यीय जांच टीम द्वारा कादीपुर एवं करुआ में दोनों ग्रामपंचायतों में स्थलीय जांच एवं अभिलेखीय निरीक्षण नहीं किया गया है और ना ही रिपोर्ट भेजी गई है।
सीडीओ गोंडा अरुन्मौली ने जिलाधिकारी गोंडा, उपजिलाधिकारी कर्नलगंज, जिला पंचायत राज अधिकारी गोंडा व खंड विकास अधिकारी कर्नलगंज को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि विकास खंड कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत कादीपुर के ग्राम प्रधान जयप्रकाश सिंह एवं करुआ की ग्राम प्रधान गुड़िया गोस्वामी ने जिलाधिकारी गोंडा को प्रार्थना पत्र दिया है,जिसमें कहा गया है कि नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के सीमा विस्तार के लिए ग्राम पंचायत कादीपुर तथा करुआ से ली गई गाटा संख्या व जनसंख्या के संबंध में भिन्न -भिन्न प्रारूप पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उच्चधिकारियों के समक्ष भिन्न -भिन्न भ्रामक आख्या प्रस्तुत की गई है। जिससे ग्राम पंचायत कादीपुर व करुआ को अस्तित्व में होते हुये भी अस्तित्व विहीन करके दूसरे ग्राम पंचायत में जोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिसका संज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी ने जांच कराकर प्रकरण को निस्तारित करने का निर्देश दिया है। जिसके क्रम में प्रकरण की जांच के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी,जिसमें जिला विकास अधिकारी गोंडा, खंड विकास अधिकारी नवाबगंज के साथ सहायक विकास अधिकारी वजीरगंज शामिल थे। सीडीओ द्वारा जांच टीम को प्रकरण का स्थलीय व अभिलेखीय सत्यापन कर अपनी संयुक्त आख्या स्पष्ट मंतव्य सहित अविलम्ब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। जिसमें अभी तक जांच टीम द्वारा कादीपुर एवं करुआ में दोनों ग्रामपंचायतों में स्थलीय जांच एवं अभिलेखीय निरीक्षण नहीं किया गया है और जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों की गर्दन फंसते देख उन्हें बचाने का प्रयास करते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के परिसीमन में राजनीतिक दबाव में स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों,कर्मचारियों द्वारा सभी नियम कायदे को दरकिनार कर अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद भी अलग अलग दिनांकों को भ्रामक एवं झूंठी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर एक सोची समझी साज़िश के तहत ग्रामपंचायतों का अस्तित्व समाप्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया है जिसकी यदि गहन तथ्यात्मक अभिलेखीय जांच व सत्यापन कराया जाय तो अधिकारियों और नेताओं की गठजोड़ और गंभीर कारनामे का खुलासा हो सकता है।