गोण्डा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव कार्यक्रम इटियाथोक विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पूरे महा ढोंगही मैं आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर दीपक शुक्ला मुख्य अतिथि महंत श्री चंद्र भूषण दास जी विशिष्ट अतिथि अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ग्राम प्रधान श्री सहज राम तिवारी जी तथा संचालन रामानंद तिवारी द्वारा किया गया आए हुए सभी ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने भगवान परशुराम जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया पुष्प अर्पण कार्यक्रम के पश्चात वर्तमान परिवेश में ब्राह्मण की समाज में स्थिति पर चिंतन हुआ जिसके परिपेक्ष में अपनी बात रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम ब्राह्मण समाज के ही नहीं इस राष्ट्र के उन्होंने कभी किसी जाति का अपमान नहीं किया अपने और अपने परिवार सहित समाज में अत्याचार और अन्याय को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया भगवान परशुराम शास्त्र के ज्ञानी थे उन्होंने भगवान शिव द्वारा दिए गए परसु नाम के अस्त्र का जीवन भर प्रयोग किया किसी से उनका नाम जो पहले राम था बाद में परशुराम हो गया आज ही नहीं ब्राह्मण समाज पहले भी समाज का पथ प्रदर्शक था लेकिन अपने पथ से विचलित होकर स्वयं अपनी छवि को धूमिल कर रहा था आज भगवान परशुराम के रास्ते पर चलने की जरूरत आ गई है सरकार और समाज में उपेक्षित ब्राह्मण परिवार में ऐसे तमाम परिवार हैं जो गरीबी से नीचे से भी नीचे जीवन यापन कर रहे हैं परंतु जातीय आधार पर वर्णित होने के नाते इनको किसी भी सरकारी नौकरियों में सुख सुविधा नहीं मिल पाती है यहां तक कि गरीब ब्राह्मण परिवार के बच्चों की फीस भी नहीं माफ होती पूरे देश के प्रदेश के ब्राह्मण परिवार शासन प्रशासन और सरकार से मांग करते हैं कि गरीब ब्राह्मणों को भी आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों में अन्य बिरादरी के हिसाब से कोटा निर्धारित करते हुए आरक्षण दिया जाए जन्मोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र के सतीश पांडे उर्फ लुटावन पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा एक समय था जब ब्राह्मण की धोती आकाश में सूखती थी आज हमारे आचरण विहीन होने के कारण यह सब हमसे दूर होता जा रहा है हमें अपने आप को परिवर्तित करना होगा जिससे समाज में लोग हमारी सीख से देश को महान बना सकें ब्राह्मण समाज के क्षेत्रीय नेता परमात्मा दिन तिवारी ने भगवान परशुराम को समाज का आदर्श और वर्तमान पीढ़ी का भगवान बताते हुए कहा कि भगवान परशुराम त्याग पराक्रम और बलिदानी के मूर्ति थे उनको यह कहना गलत है कि वह क्षत्रिय विनाशक थे अगर ऐसा होता तो गुरु द्रोणाचार्य भीष्म पितामह करण जैसे महापुरुष भगवान परशुराम के शिष्य ना होते कार्यक्रम को पूर्व प्रधान जनार्दन पांडे प्रधान बबलू दुबे रवि उपाध्याय घनश्याम शुक्ला जगदंबा तिवारी सियाराम तिवारी जगदीश तिवारी तिलक धर द्विवेदी राजेश शुक्ला शैलेंद्र प्रताप मिश्रा बृज किशोर मिश्रा ओम प्रकाश शुक्ला नंदकिशोर मिश्रा डॉ अशोक कुमार तिवारी वेद प्रकाश दुबे विनय कुमार द्विवेदी सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम आयोजक श्री शुक्ला प्रसाद शुक्ला के प्रस्ताव पर उनके निजी जमीन पर जनपद गोंडा में भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने हेतु भूमि का पूजन भी किया गया श्री शुक्ला प्रसाद शुक्ला द्वारा बताया गया कि भगवान परशुराम की प्रतिमा ऐतिहासिक रूप से जन सहयोग के बल पर स्थापित करने का निश्चय किया गया है जिस पर सभी लोगों ने अपनी सहमति जताते हुए अन्य प्रस्ताव भी जोड़ा किस समाज में गरीब परिवार के बेटियों की शादी बच्चों की पढ़ाई के लिए एक संस्था का भी गठन किया जाएगा भविष्य में जिससे समाज के पिछड़े तबके के लोगों की मदद कर एक नया रास्ता दिखाने का काम किया जाए