शहर में मिलावटी एवं दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री जोरों पर
जिम्मेदार आला अधिकारी मौन, लोग हो रहे बीमारी के शिकार।
गोण्डा। एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां जनता के स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार अधिकारियों,कर्मचारियों को सजग रहने के निर्देश जारी कर रही है। वही जनपद गोंडा के मंडल मुख्यालय में खुलेआम मिलावटी एवं दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री खुलेआम जोरों से हो रही है,जिसे खाकर लोग बीमार हो रहे हैं,लेकिन खाद्य विभाग सब कुछ जानते हुए अंजान बना हुआ है।
बताते चलें कि गोंडा जिले में मंडल मुख्यालय पर शाम होते ही हर चौराहे पर फास्ट फूड ठेले की भरमार रहती है। कुछ स्थाई दुकानें भी है जिस पर समोसा चाऊमीन बर्गर आदि तरह-तरह के तले हुऐ खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। यह किस तेल के बने हुए हैं और इसके अंदर क्या-क्या भरा गया है,इसकी कोई जांच करने वाला नहीं है। इसी तरह से फलों को भी केमिकल से पकाकर बेचा जा रहा है जिसे खाकर भोली-भाली जनता तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रही है। इसी तरह से गर्मी के सीजन में सभी परचून दुकानों पर मिलने वाला पेठा, पतीसा, गजक, नमकीन आदि पैकेट में मिल रहे हैं। ज्यादातर पैकेट में किसी फर्म का नाम पैकिंग डेट,एक्सपायरी डेट नहीं पड़ा है,जिसे खाने के बाद यदि कोई बीमारी का शिकार हो जाए तो किस कंपनी को शिकायत करेंगे। इस संबंध में खाद्य विभाग के मंडलीय अधिकारी एच.एम. त्रिपाठी व नगर अधिकारी राजेश यादव से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया की पेठा वगैरह कुटीर उद्योग में आता है,जिस पर लेबल या किसी कंपनी का नाम या ट्रेडमार्क या पैकिंग डेट जरूरी नहीं है। ऐसे में जब संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस तरह से बात करेंगे तो भोली-भाली जनता अपनी शिकायत कहां और किससे करेगी यह एक यक्ष प्रश्न है।